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लांग मार्च 5 रॉकेट भारत के जीएसएलवी एमके 3(GSLV MARK 3) के मुकाबले कहां खड़ा है?

लांग मार्च 5 रॉकेट भारत के जीएसएलवी एमके 3(GSLV MARK 3) के मुकाबले कहां खड़ा है?

 

Long March -5 and GSLV MARK 3

हेलो फ्रैंड वेलकम तो माय आर्टिकल हम इस आर्टिकल में बात करने वाले है | चीन  के लॉन्ग मार्च -५ राकेट के बारे में इस लॉन्ग रॉकेट विकल ने रेसेंटली हिस्ट्री बनाई है | चीन के हैवी स्टरलिएट को अंतरिक्ष में पहुंचाया ,उसके अलावा आज के समय ये एशिया का सबसे पॉवरफुल राकेट है |

नाउ डिसकस करेंगे काफी कुछ यहाँ पर आपको जानने को मिलेगा , इसको इंडिया मीडिया और इंटरनेशनल मीडिया काफी हद तक कभर कर रहा है | सो जैसे मैंने आपको बताया चीन ने रेसेंटली लॉन्च की  है हैवी सटेरलिएट ये एक कम्युनिकेशन्स सॅटॅलाइट  है |

आपको pata होगा earth को  ऑब्सेर्वे लड़ने वाली सॅटॅलाइट या कम्युनिकेशन्स सॅटॅलाइट धरती के सतह से ३६००० हजार के दूरी पर प्लेस करते है नाउ ये सॅटॅलाइट लॉन्च के गई है अंतरिक्ष में ये की गई  है लॉन्ग मार्च -५ य ३ ने ये चीन का सबसे पॉवरफुल राकेट है , न चीन का बल्कि दुनिया में जितने पॉवरफुल राकेट है उसमे इसका नाम शामिल है |

डेफिन्टलय ये एशिया का सबसे पॉवरफुल रॉकेट है , इस रॉकेट का लॉन्च स्पेसिल्ली इस लिए है क्युकी २०१७ में इसका काफी इमोटेंट फ़ैल हो गया था | इसके बड़े २०१८ और २०१९ में चीन सइनटेस ने इसके ऊपर काम किया है , और आज के समय एशिया का सबसे पॉवरफुल राकेट बना दिया है |

Long March -5 rocket , shijian -20

लॉन्ग मार्च -5  राकेट , जो लॉच किया है उसका नाम है shijian -20 shijian का मतलब होता है प्रैक्टिस ये सॅटॅलाइट धरती के सरफेस से 35,786 किलोमीटर की दूरी पर है अगर वजन के बात करे 8 हजार kg है |

ये इंडिया के हेविएस्ट सॅटॅलाइट से काफी हैवी है ,दिसंबर  2018 में इंडिया ने लांच के की थी गसत-11 सॅटॅलाइट इसका वजन था 5857 kg| ये सॅटॅलाइट हमने खुद लांच नहीं की थी ये हमने एक कंपनी से लांच करवाई थी |

हमारे पास इतने कपीसिटी नहीं थी इस सॅटॅलाइट को लांच करने की जिससे हमने किसी और कंपनी से लांच करवाई थी | एरियन स्पेस कंपनी के साथ हमारा कॉन्ट्रैक्ट हुआ जिसने ारीजनेसपस ने -५ ने स्पेस में पहुंचने के लिए उसे यूज़ किया |

Long March -5 Difference GSLV MARK 3

मार्च मार्च -5 चीन सबसे शक्तिशाली रॉकेट और देश में महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष में एक महत्वपूर्ण निपुणता के साथ, पृथ्वी की कक्षा में 25 टन का अधिकतम पेलोड और भू-समकालिक कक्षा में 14 टन ले जा सकता है|

GSLV MARK 3

तकनीकी निर्देश

जीटीओ को पेलोड - 4000 किग्रा(Payload to GTO – 4000kg)

GSLV MARK 3 जीसैट श्रृंखला के 4 टन वर्ग के उपग्रहों को जियोसिंस्क ट्रांसफर कक्षाओं में रखने में सक्षम होगा |

Payload to LEO : 8000 KG

GSLV MARK 3 का शक्तिशाली क्रायोजेनिक चरण इसे 600 किमी की ऊंचाई वाले पृथ्वी की कक्षा में भारी पेलोड लगाने में सक्षम है

Long March 5 long term Plans

The successful launch is amajor step forward foe its planned mission to mars in 2020. the satellite will carry out orbit experiments for  a series of key technologies .

मार्स ग्लोबल रिमेंबर सेंडिंग ऑर्बिटर एंड स्माल रोवर(MARS GLOBAL REMORT SENSING ORBITER AND SMALL ROVER)

  • मार्स ग्लोबेल सेंसिंग ऑर्बिटर और स्मॉल रोवर को रिमोर्ट करते हैं, अस्थायी रूप से Huoxing-1 नाम दिया गया है
  • लांग मार्च 5 हैवी लिफ्ट रॉकेट के साथ मिशन को जुलाई 2020 में शुरू करने की योजना है।
  • इसके घोषित उद्देश्य वर्तमान और पिछले जीवन दोनों के प्रमाणों की खोज करना और ग्रह, पर्यावरण का आकलन करना है।

मै उमीद करता हु की आपको ये जानकारी अच्छे लगी होगी इस  आर्टिकल को पड़ने के लिए आपका दिल से धन्यवाद |

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https://www.youtube.com/watch?v=N7Wr-ASqQbE

 

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